उनकी यादों को ज़रा लौ देना
उनकी यादों को दिल में संजो लेना
मन के धागे में ये फूल पिरो लेना
याद करके उन्हें जो मन हो भारी
ग़म न करना थोडा सा रो लेना
है दुनिया का मेला भरा हुआ
कोई न मिले तो खुद को खो देना
बीते हुए पल जो दें दस्तक
दहलीज़ पलकों की ज़रा भिगो देना
घबराना नहीं देख दाग़ चाँद पर
उनको अश्कों से अपने धो देना
जलाना दिल अँधेरी रातों में
उनकी यादों को ज़रा लौ देना
छोड़ कर कश्ती को माझी के सहारे
हो बेफिक्र ज़रा सा सो लेना
याद करके उन्हें जो मन हो भारी
ReplyDeleteग़म न करना थोडा सा रो लेना
रो लेना भी इस मर्ज की दवा है शायद
aaapki yeh rachna khoob hai..
ReplyDeletepar mujhe nijji taur par ek baat keh rha hu
है दुनिया का मेला भरा हुआ
कोई न मिले तो खुद को खो देना
....
है दुनिया का मेला भरा हुआ
कोई न मिले तो खुद को na खो देना
shyd istra theeek rhega
yeh meri soch thi
take care
जलाना दिल अँधेरी रातों में
ReplyDeleteउनकी यादों को ज़रा लौ देना.
bahut khub maza aa gay pad kar..
छोड़ कर कश्ती को माझी के सहारे
ReplyDeleteहो बेफिक्र ज़रा सा सो लेना
आपका नाम मंजीत है या महक .....खैर जो भी हो बहुत अच्छा लिख रहीं हैं ...यूँ ही लिखतीं रहे ....!!
घबराना नहीं देख दाग़ चाँद पर
ReplyDeleteउनको अश्कों से अपने धो देना
जलाना दिल अँधेरी रातों में
उनकी यादों को ज़रा लौ देना
छोड़ कर कश्ती को माझी के सहारे
हो बेफिक्र ज़रा सा सो लेना
जलाना दिल अँधेरी रातों में
ReplyDeleteउनकी यादों को ज़रा लौ देना
Bahut Badhiya Manjeet Ji... Maza aa gaya
Govind, Jamshedpur