Friday, November 6, 2009

मुझे आवाज़ दो



अगर तुम मेरे हो मुझे आवाज़ दो
जो दुखों के घेरे हो मुझे आवाज़ दो


मैं सदैव खडा तेरी राहों में
हमसफ़र बनाने को मुझे आवाज़ दो


मैं दूंगा तुम्हें हजारों खुशियाँ
ग़म अपना देने को मुझे आवाज़ दो


हर पल तत्पर सजाने को जीवन तेरा
मेरा हाथ पकड़ने को मुझे आवाज़ दो


सूरत नहीं तेरी ये है मेरा आइना
सच समझाने को मुझे आवाज़ दो


न समझो कभी खुद को निर्बल
बल अपना पाने को मुझे आवाज़ दो


दुनिया के झमेलों से जो घबराओ कभी
तुम को सहलाने को मुझे आवाज़ दो


कभी दिल बहलाने को मुझे आवाज़ दो
सच्चे प्रेम को पाने को मुझे आवाज़ दो

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