Tuesday, February 16, 2010

मोहब्बत चीज़ क्या है


मोहब्बत चीज़ क्या है ये भला किसने यहाँ जाना
मोहब्बत करने वालों को यहाँ काफ़िर गया माना

पैगम्बर पीर आए हैं प्रेम का पाठ पड़ाने को
सौड़ी सोच में उनका कहा हमने कहाँ माना

इबादत अपने धर्मों की प्यार अपनी ही जाती का
चाहे रटते रहें कितना मानवता का अफसाना

प्रेम सागर भी नदिया भी प्रेम बूंदों सा बरसे भी
क्यूँ समझे नहीं फिर भी बूँद धारा में समाना

बनाने वाले ने दुनिया दो हाथों सी बनाई है
हसरत है जो फूलों की काँटों से भी निभाना 

मोहब्बत अच्छी बचपन की जवानी के जख्म अच्छे
आखरी मोड़ जिंदगी का शिकायत में ना बिताना

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