जब सारी दुनिया सोती है
एक खिड़की कोई खुलती है
यादों के जुगनू आते हैं
और एक महफिल सी जुड़ती है
कुछ खट्टे मीठे पल उसमें
अंगडाइयां फिर लेते हैं
कभी ख़ुशी की बारिश होती है
कभी दर्द की आंधी झूलती है
जिस पल ने हंसाया था मुझको
अब आंसू बन के आया है
इस पल के अँधेरे में
उसकी ही नमी सी घुलती है
फिर याद किसी की आई है
फिर आँख से आंसू टपका है
पर देख के उन दो नैनो को
होंठों पे हंसी भी खिलती है
जब सारी दुनिया सोती है
एक खिड़की कोई खुलती है
यादों के जुगनू आते हैं
और एक महफिल सी जुड़ती है
bahut sili sili yade.acchhi rachna
ReplyDelete