Thursday, January 21, 2010

प्यार में खुद को बेवस कीया


प्यार में खुद को बेवस कीया
दे चिंगारी दिल आतिश कीया 

बना आइना तुझे संवर गयी
तेरे रंगों ने मुझे पुर्कश कीया

तेरी कठपुतली बनके रह गयी
कैसे तुमने अपने वश कीया 

तिनकों में तू सुलगाता गया
पर मैंने उसे एक कश कीया 

जलाये थे चिराग आँधियों में
इश्क में उल्टा तरकश कीया

तुझे बेवफा भी कहूँ तो कैसे 
बर्बाद तुमने यूँ हस हस कीया

कुछ ऐसा छा गया तेरा नशा
मह थी मैं मुझे मेह्कश कीया

2 comments:

  1. nice creation.... bahut sunder kafi aachi creation..

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  2. कुछ ऐसा छा गया तेरा नशा
    मह थी मैं मुझे मेह्कश कीया
    prem dard samarpan sab kuch hai aapki is rachana me .... shubhkaamnaaye

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