अपनी मोहब्बत को दिल में ही छुपा रखना
किसी की नज़र ना लगे ज़रा पर्दा रखना
बड़े भोले हैं सनम मेरे भेद ना जाने मन का
धीरे से उनके कानों में पर फुसफुसा रखना
उनकी नज़र ए कर्म जो मिल जाए मुझको
फिर कैसे कोई शिकवा कोई गिला रखना
उनकी पलकों तले सजे होंगे जो खाब मेरे
उनके हर दर्द को अपने मन में दबा रखना
जिन्दगी में कभी उनको मेरी जरुरत हो
अपना हाथ बड़ा रखना कदम मिला रखना
असीम प्यार को देख के अभिमानी ना हों
इस बात पे नज़र रखना दूरी ज़रा ज़रा रखना
khubsurat.... kya baat hai manjeet... kamal...
ReplyDeletenice yaar....kya baat hai ......
ReplyDeletebahut badiya likha hai bahut badiya
ReplyDelete